बिहार में बिजली महँगी करने की योजना: उपभोक्ताओं पर क्या असर पड़ेगा? पूरी जानकारी

बिहार में बिजली दर बढ़ाने की चर्चा तेज हो गई है। राज्य की बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) ने Bihar Electricity Regulatory Commission (BERC) के सामने नए वित्तीय वर्ष के लिए बिजली महँगी करने का प्रस्ताव पेश किया है। इस प्रस्ताव के मुताबिक, राज्य में घरेलू, व्यावसायिक और कृषि उपभोक्ताओं को आने वाले समय में थोड़ी अधिक बिजली दर चुकानी पड़ सकती है। लेकिन यह कितना असर डालेगा? किन वर्गों पर सबसे ज़्यादा प्रभाव होगा? और क्या यह बढ़ोतरी अभी पक्की हो चुकी है? इस ब्लॉग में हम इसी पूरी जानकारी को विस्तार से समझेंगे।

1. बिजली महँगी करने का प्रस्ताव क्या है?

बिहार की बिजली वितरण कंपनियों—दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (SBPDCL) और उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी (NBPDCL)—ने BERC के सामने जो प्रस्ताव दिया है, उसमें लगभग 35 पैसे प्रति यूनिट तक बिजली महँगी करने का सुझाव दिया गया है। यह बढ़ोतरी राज्य के अलग-अलग उपभोक्ता वर्गों में विभाजित होगी और अंतिम फैसला आयोग करेगा।

यह प्रस्ताव वित्त वर्ष 2026–27 के लिए पेश किया गया है और मंज़ूरी मिलने पर यह 1 अप्रैल 2026 से लागू हो सकता है।

2. बिजली महँगी क्यों करनी पड़ रही है?

डिस्कॉम्स के अनुसार बिजली दर बढ़ाने के पीछे कई कारण हैं—

  • ऊर्जा उत्पादन और खरीद की बढ़ती लागत
    राज्य में बिजली का बड़ा हिस्सा बाहर से खरीदा जाता है। कोयला, गैस और अन्य ऊर्जा स्रोत महँगे होने के कारण बिजली खरीद की कीमत भी बढ़ जाती है।
  • ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन लॉस
    बिहार में बिजली चोरी और लाइन लॉस अभी भी चुनौती है, जिसके कारण कंपनियों को आर्थिक नुकसान होता है।
  • ढांचे (Infrastructure) के सुधार का खर्च
    ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था सुधारने, नए ट्रांसफॉर्मर लगाने, स्मार्ट मीटर लागू करने और पुरानी लाइनों को बदलने में भारी निवेश की जरूरत होती है।

इन कारणों की वजह से कंपनियों ने दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है।

3. किन उपभोक्ताओं पर कितना असर पड़ेगा?

बिजली महँगी होने का असर सभी वर्गों पर समान नहीं पड़ेगा। प्रस्ताव के अनुसार –

● घरेलू उपभोक्ता (ग्रामीण + शहरी)

घरेलू उपभोक्ताओं पर मामूली प्रभाव पड़ेगा। जैसे:

  • 100 यूनिट खर्च करने वाले ग्राहक को लगभग ₹118 तक अतिरिक्त भुगतान करना पड़ सकता है।
  • स्मार्ट मीटर और समय पर भुगतान करने वालों को सरकारी छूट मिलेगी, जिससे बिल का प्रभाव थोड़ा कम होगा।

● व्यावसायिक उपभोक्ता

छोटे-मोटे व्यापारियों पर बिल थोड़ा बढ़ सकता है।
बड़े उद्योगों के लिए अलग स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव है।

● कृषि उपभोक्ता

कृषि उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरें अभी भी सब्सिडी आधारित हैं, लेकिन नई दरों में थोड़ी वृद्धि संभव है।

● सार्वजनिक सेवाएँ

स्ट्रीट लाइट, पेयजल पंप, नगर निकाय सेवाओं आदि के लिए भी बिजली दरें बढ़ सकती हैं।

4. क्या बिजली सभी के लिए एक समान दर पर देने का प्रस्ताव है?

BERC के सामने एक सुझाव यह भी है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बिजली की दर को समान किया जाए
इसका मतलब यह हो सकता है कि ग्रामीण उपभोक्ताओं को शहरी दरों के बराबर बिल देना पड़े, हालांकि अभी इस पर स्पष्ट फैसला नहीं आया है।

5. नई दरें कब लागू होंगी?

बहुत से लोग यह समझ बैठते हैं कि बढ़ोतरी पक्की हो गई है, जबकि सच यह है—

  • यह केवल प्रस्ताव (Proposal) है।
  • BERC इसे मंज़ूर करे या न करे — यह आगे की प्रक्रिया पर निर्भर है।
  • अलग-अलग जिलों में जन-सुनवाई (Public Hearing) के बाद ही अंतिम फैसला होगा।
  • मंज़ूरी मिलने पर नई दरें 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगी।

6. क्या उपभोक्ताओं को किसी तरह की छूट भी मिलेगी?

हाँ, प्रस्ताव में छूट और प्रोत्साहन भी शामिल हैं—

  • स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए कैशबैक और छूट
    प्रीपेड मीटर में समय पर रिचार्ज करने पर उपभोक्ताओं को कुछ प्रतिशत लाभ मिलता है।
  • सोलर पैनल लगाने वालों को फायदा
    नेट-मीटरिंग के माध्यम से बिजली बिल काफी कम हो सकता है।
  • गरीब परिवारों के लिए सब्सिडी जारी रहेगी
    कुटीर ज्योति और BPL श्रेणी में कोई बड़ा भार नहीं डालने की कोशिश होगी।

7. बिहार में बिजली दरों का पिछले वर्षों का रुझान

पिछले कुछ वर्षों में बिहार में बिजली दरें बहुत अधिक नहीं बढ़ाई गईं। राज्य सरकार उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार न पड़े इसलिए बड़ी मात्रा में सब्सिडी देती है।

अब जबकि बिजली उत्पादन और खरीद की लागत बढ़ी है, इसलिए कंपनियाँ दर समायोजन (Tariff Revision) की मांग कर रही हैं।

8. क्या उपभोक्ता इस फैसले का विरोध कर सकते हैं?

हाँ।
BERC जन-सुनवाई के दौरान आम जनता, संगठन, किसान समूह, व्यापारी—सभी अपनी राय रख सकते हैं।
यदि बढ़ोतरी अधिक लगती है, लोग इसका विरोध भी कर सकते हैं।

9. बढ़ती बिजली दर से कैसे बचा जा सकता है?

भले ही दरें बढ़ें, लेकिन कुछ तरीके हैं जिनसे आप बिजली बिल को न्यूनतम रख सकते हैं—

  • ऊर्जा-कुशल (Energy Efficient) उपकरणों का उपयोग
  • स्मार्ट मीटर में प्रीपेड मोड चुनना
  • घर में अनावश्यक लोड कम करना
  • LED लाइट, BLDC फैन, इन्वर्टर AC का उपयोग
  • सोलर पैनल लगाना
  • पावर फैक्टर सुधरवाना (दुकानदारों/उद्योगों के लिए)

10. निष्कर्ष

बिहार में बिजली महँगी करने का प्रस्ताव अभी प्रारंभिक चरण में है। डिस्कॉम्स ने बढ़ोतरी का सुझाव जरूर दिया है, लेकिन अंतिम निर्णय BERC करेगा। बढ़ती ऊर्जा लागत और बुनियादी ढांचे के विकास को देखते हुए मामूली बढ़ोतरी संभव लग रही है। हालांकि सरकार उपभोक्ताओं पर भार कम रखने के लिए सब्सिडी और राहत देने की कोशिश भी कर रही है।

उपभोक्ताओं को चाहिए कि वे जन-सुनवाई में हिस्सा लेकर अपनी राय रखें, और साथ ही स्मार्ट मीटर एवं ऊर्जा-कुशल उपकरणों का उपयोग करके अपने बिल को कम करने की कोशिश करें।

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