तार पर रस्सी फेंककर लाइन शॉर्ट, फिर ट्रांसफॉर्मर से कॉपर चोरी

भारत में बिजली चोरी अब सिर्फ “कटिया डालकर लाइन लेने” तक सीमित नहीं रही। बीते कुछ वर्षों में ट्रांसफॉर्मर और बिजली लाइनों से कॉपर चोरी एक संगठित अपराध का रूप ले चुकी है। ताज़ा मामलों में चोरों ने एक नया खतरनाक तरीका अपनाया है —
ओवरहेड लाइन पर रस्सी या तार फेंककर शॉर्ट सर्किट कराना, सप्लाई बंद कराना और फिर ट्रांसफॉर्मर से कॉपर क्वायल, तेल व अन्य कीमती पार्ट्स उड़ा लेना।

इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होता है कि गांवों और कस्बों में कई-कई दिन, कहीं हफ्तों तक बिजली गुल रहती है। नीचे हम भारत के अलग-अलग राज्यों से सामने आई 20 से अधिक बड़ी घटनाओं का विस्तृत विवरण और उसके असर की पूरी तस्वीर पेश कर रहे हैं।

यह चोरी कैसे की जाती है – पूरा तरीका समझिए

लगभग सभी मामलों में चोरी का पैटर्न एक जैसा पाया गया:

  1. सबसे पहले 11 kV या 33 kV ओवरहेड लाइन को चिन्हित किया जाता है
  2. रात के अंधेरे में रस्सी, लोहे का तार या गीला कपड़ा लाइन पर फेंककर शॉर्ट सर्किट कराया जाता है
  3. फॉल्ट होने पर बिजली सप्लाई अपने-आप ट्रिप हो जाती है
  4. इसके बाद ट्रांसफॉर्मर को गिराया जाता है या उसका ढक्कन खोला जाता है
  5. अंदर से कॉपर क्वायल, ट्रांसफॉर्मर ऑयल, बुशिंग और अन्य पार्ट्स निकाल लिए जाते हैं
  6. सामान पास के स्क्रैप बाजार में बेच दिया जाता है

यह पूरा काम 30–60 मिनट में हो जाता है और जब तक बिजली विभाग की टीम मौके पर पहुंचती है, चोर गायब हो चुके होते हैं।

1. झारखंड – बोकारो थर्मल: संगठित गिरोह की दस्तक

बोकारो थर्मल क्षेत्र में 163 kVA ट्रांसफॉर्मर से कॉपर चोरी की घटना ने पूरे इलाके को हिला दिया।
यहां पहले 11 kV लाइन पर शॉर्ट सर्किट कराया गया, फिर ट्रांसफॉर्मर गिराकर क्वायल निकाल ली गई।
पूरी कॉलोनी तीन दिन तक अंधेरे में रही। पानी सप्लाई ठप रही और लोगों को हैंडपंप पर निर्भर रहना पड़ा।

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2. उत्तर प्रदेश – बदायूं का सोरहा गांव: 5000 लोग बेहाल

सोरहा गांव में 250 kVA ट्रांसफॉर्मर से कॉपर और तेल चोरी के बाद 20 दिन तक बिजली बहाल नहीं हो सकी
बच्चों की पढ़ाई, मोबाइल चार्जिंग, आटा चक्की और सिंचाई – सब कुछ बंद हो गया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि शिकायत के बावजूद विभाग की कार्रवाई बेहद धीमी रही।

3. बिहार – गया: पंचायत स्तर पर बिजली ठप

गया जिले के एक पंचायत क्षेत्र में रात को लाइन शॉर्ट कर ट्रांसफॉर्मर से कॉपर चोरी कर ली गई।
नतीजा यह हुआ कि पूरा पंचायत अंधेरे में डूब गया
ग्रामीणों ने सड़क जाम कर प्रशासन से तुरंत ट्रांसफॉर्मर लगाने की मांग की।

4. उत्तर प्रदेश – उन्नाव: 6 लाख का नुकसान

इनायतपुर क्षेत्र में चोरों ने ट्रांसफॉर्मर को काटकर लगभग 6 लाख रुपये का सामान चुरा लिया।
यह घटना बताती है कि चोरी सिर्फ छोटे ग्रामीण इलाकों तक सीमित नहीं है, बल्कि कस्बाई क्षेत्रों में भी फैल चुकी है।

5. झारखंड – लातेहार: जंगल और अंधेरे का फायदा

लातेहार जैसे वन क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मर चोरी के बाद 7–8 दिन तक बिजली बहाल नहीं हो पाई
दुर्गम इलाका होने के कारण पुलिस और बिजली विभाग की पहुंच देर से हुई, जिसका फायदा चोरों ने उठाया।

6. झारखंड – पाकुड़: एक रात, दो ट्रांसफॉर्मर गायब

महेशपुर इलाके में एक ही रात दो ट्रांसफॉर्मर से कॉपर चोरी कर ली गई।
ग्रामीणों का आरोप है कि यह काम बिना स्थानीय स्क्रैप नेटवर्क की मदद के संभव नहीं।

7. मध्य प्रदेश – सतना: किसानों पर सीधा वार

खेती के सीजन में ट्रांसफॉर्मर चोरी से सिंचाई बंद हो गई।
किसानों की फसल सूखने लगी और उन्हें डीजल पंप का सहारा लेना पड़ा, जिससे लागत कई गुना बढ़ गई।

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8. राजस्थान – अलवर: तीन गांव अंधेरे में

अलवर जिले में लाइन शॉर्ट कर ट्रांसफॉर्मर से कॉपर चोरी की गई।
तीन गांवों की बिजली सप्लाई प्रभावित हुई और लोड-शेडिंग जैसी स्थिति बन गई।

9. हरियाणा – नूंह: लो-वोल्टेज की मार

यहां ट्रांसफॉर्मर से तेल और कॉपर चोरी के बाद बिजली तो आई, लेकिन वोल्टेज इतना कम था कि पंखे और मोटर नहीं चल पा रहे थे।

10. पंजाब – मानसा: खेती और बिजली दोनों संकट में

खेती के ट्रांसफॉर्मर को निशाना बनाकर कॉपर चोरी की गई।
किसान संगठनों ने इसे “कृषि पर हमला” बताया।

11. नोएडा ग्रामीण क्षेत्र: तेल चोरी का नया ट्रेंड

यहां पूरा ट्रांसफॉर्मर नहीं, बल्कि ट्रांसफॉर्मर ऑयल चोरी की घटनाएं बढ़ी हैं।
इससे ट्रांसफॉर्मर जल्दी जल रहे हैं और बार-बार ब्रेकडाउन हो रहा है।

12. हिमाचल प्रदेश – मंडी: अंदर के लोग भी शामिल

सबसे चौंकाने वाला मामला, जहां बिजली बोर्ड का कर्मचारी ही चोरी गिरोह में शामिल पाया गया।
इससे यह साफ हुआ कि बिना अंदरूनी जानकारी के इतनी तकनीकी चोरी संभव नहीं।

13. छत्तीसगढ़ – बलौदाबाजार: आदिवासी इलाका प्रभावित

ट्रांसफॉर्मर चोरी के बाद मोबाइल टावर बंद हो गए।
ग्रामीणों को प्रशासन से संपर्क करने में भी दिक्कत आई।

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14. महाराष्ट्र – विदर्भ: किसानों को रात में पहरा

विदर्भ क्षेत्र में किसान अब अपने ट्रांसफॉर्मर की रात में खुद रखवाली करने लगे हैं।

15. ओडिशा – मयूरभंज: जंगल से जुड़ा नेटवर्क

यहां ट्रांसफॉर्मर गायब मिला और पास के जंगल से कटे हुए कॉपर तार बरामद हुए।

16. पश्चिम बंगाल – पुरुलिया: पानी का संकट

बिजली बंद होते ही पेयजल संकट पैदा हो गया, क्योंकि पंप पूरी तरह बिजली पर निर्भर थे।

17. तेलंगाना – आदिलाबाद: संगठित गिरोह का खुलासा

जांच में सामने आया कि एक गिरोह कई जिलों में एक-सा तरीका अपनाकर चोरी कर रहा था।

18. आंध्र प्रदेश – अनंतपुर: सूखे पर दोहरी मार

सूखा पहले से, ऊपर से ट्रांसफॉर्मर चोरी — ग्रामीणों की मुश्किलें दोगुनी हो गईं।

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19. कर्नाटक – कलबुर्गी: स्क्रैप बाजार से लिंक

पुलिस ने स्क्रैप दुकानों से चोरी का कॉपर बरामद किया, जिससे पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ।

20. उत्तराखंड – हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र

पहाड़ी इलाका होने के कारण ट्रांसफॉर्मर बदलने में ज्यादा समय लगा और गांव कई दिन अंधेरे में रहा।

असली समस्या क्या है?

  • कॉपर की बढ़ती कीमत
  • स्क्रैप बाजारों पर कमजोर निगरानी
  • ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा की कमी
  • ट्रांसफॉर्मर की जियो-फेंसिंग और अलार्म सिस्टम का अभाव

निष्कर्ष

भारत में ट्रांसफॉर्मर और लाइन चोरी अब सिर्फ बिजली विभाग की समस्या नहीं रही, यह ग्रामीण जीवन, शिक्षा, खेती और पानी की सप्लाई से जुड़ा गंभीर संकट बन चुकी है।
जब तक स्क्रैप माफिया पर सख्ती, तकनीकी निगरानी और स्थानीय स्तर पर सुरक्षा नहीं बढ़ाई जाएगी, तब तक गांवों में अंधेरा छंटना मुश्किल है।

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