बिहार में ‘1 घर-1 मीटर’ नियम लागू: फ्री बिजली योजना में बड़ी सख्ती

बिहार सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा की थी, जिसके बाद पूरे राज्य में इस योजना के दुरुपयोग की संभावनाएँ बढ़ने लगीं। कई जगह शिकायतें मिलीं कि लोग एक ही घर में कई बिजली मीटर लगवाकर मुफ्त यूनिट का लाभ कई बार उठा रहे हैं। इसी के चलते राज्य सरकार और बिजली वितरण कंपनियों ने एक बड़ा फैसला लिया है—अब पूरे बिहार में ‘1 घर-1 मीटर’ का नियम लागू होगा।

इस नियम के तहत अब किसी भी उपभोक्ता को तब तक दूसरा बिजली मीटर नहीं दिया जाएगा जब तक वह यह साबित न कर दे कि मकान में ‘वास्तविक बंटवारा’ हुआ है। इसके लिए जमीन बंटवारे के कागजात, रेंट एग्रीमेंट या मालिकाना दस्तावेज़ अनिवार्य कर दिए गए हैं।

1. ‘1 घर-1 मीटर’ नियम का मतलब क्या है?

सरल भाषा में समझें तो:

  • एक ही घर या एक ही परिसर में सिर्फ एक मीटर मान्य रहेगा।
  • यदि कोई व्यक्ति अपने परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम पर कई मीटर लगवाना चाहता है, तो उसे साबित करना होगा कि वे सभी अलग-अलग यूनिट में रहते हैं।
  • “एक ही छत के नीचे” कई मीटर अब स्वीकार नहीं किए जाएंगे।

यह नियम खासतौर पर उन मामलों पर रोक लगाने के लिए है जहां लोग मुफ्त बिजली का लाभ बढ़ाने के लिए अलग-अलग नामों पर कनेक्शन ले लेते थे।

2. मुफ्त बिजली योजना के दुरुपयोग की शिकायतें बढ़ीं

जब से राज्य सरकार ने 125 यूनिट फ्री बिजली योजना लागू की, तब से बिजली विभाग के पास कई तरह की शिकायतें आने लगीं:

  • लोग एक ही घर में 3–4 मीटर लगवा रहे थे।
  • संयुक्त परिवारों में अलग-अलग सदस्यों के नाम पर मीटर बनवाकर अधिक मुफ्त यूनिट ले रहे थे।
  • कई घरों में बिना किसी फ्लैट विभाजन के रेंट एग्रीमेंट दिखाकर नया कनेक्शन बनवाया जा रहा था।

इन सभी गतिविधियों से योजना का उद्देश्य प्रभावित हो रहा था और राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ भी बढ़ रहा था। इसलिए ‘1 घर-1 मीटर’ का नियम एक जरूरी कदम माना जा रहा है।

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3. अब नया मीटर लगवाने के लिए क्या दस्तावेज़ दिखाने होंगे?

नए नियम के तहत दूसरा या उससे अधिक मीटर लेने पर निम्नलिखित दस्तावेज़ अनिवार्य होंगे:

(1) बंटवारा पत्र (Partition Deed)

अगर परिवार ने संपत्ति का कानूनी बंटवारा कर रखा है, तो ही अलग मीटर का दावा किया जा सकता है।

(2) किरायानामा (Rent Agreement)

किराएदारों को अलग मीटर तब ही मिलेगा जब उनके पास वैध एग्रीमेंट होगा, जिसमें पूरा पता और हिस्से की जानकारी हो।

(3) मालिकाना दस्तावेज़ (Ownership Proof)

जैसे—

  • रजिस्ट्री
  • खाता
  • खतियान
  • नगर निगम का हाउस टैक्स रसीद

(4) मकान का नक्शा / फ्लैट यूनिट डिटेल

जिससे यह साबित हो सके कि मकान वास्तव में अलग-अलग यूनिट में विभाजित है।

बिजली कंपनी ने साफ किया है कि मौखिक दावा या परिवारिक समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा।

4. किन उपभोक्ताओं पर सबसे अधिक असर पड़ेगा?

‘1 घर-1 मीटर’ नियम का प्रभाव कई प्रकार के उपभोक्ताओं पर पड़ेगा:

संयुक्त परिवार (Joint Families)

जिनके घर में पहले से दो-तीन मीटर लगे हैं, और जिनका वैध बंटवारा नहीं है—ऐसे कनेक्शनों की जांच की जाएगी। दस्तावेज़ न मिलने पर अतिरिक्त मीटर रद्द भी किए जा सकते हैं।

किराएदार (Tenants)

अब किराएदार को मुफ्त बिजली तभी मिलेगी जब उसका रेंट एग्रीमेंट होगा।
बिना एग्रीमेंट के मीटर नहीं मिलेगा।

मकान मालिक

कई मालिक किराएदारों के लिए अलग मीटर लगवाने के नाम पर लाभ उठा रहे थे।
अब उन्हें सभी दस्तावेज़ देना अनिवार्य होगा।

नए निर्माण वाले घर

अगर घर में 2–3 यूनिट बनाए गए हैं, तो उसके लिए स्वीकृत नक्शा या बिल्डिंग यूनिट दस्तावेज़ देना होगा।

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5. पुराने कनेक्शनों का क्या होगा?

बिजली विभाग के अनुसार:

  • पुराने कनेक्शनों की घरों-घरों जाकर सर्वे किया जाएगा।
  • जिनके पास वैध बंटवारा नहीं है और मीटर अलग-अलग लगे हुए हैं, उन मीटरों को क्लब किया जा सकता है।
  • गलत दस्तावेज़ देने वालों पर कार्रवाई हो सकती है।

हालांकि विभाग ने यह भी साफ किया है कि उपभोक्ताओं को पर्याप्त समय और नोटिस दिया जाएगा।

6. सरकार इस नियम से क्या हासिल करना चाहती है?

(1) योजना का सही लाभ सही लोगों तक पहुँचे

125 यूनिट मुफ्त बिजली आर्थिक रूप से कमजोर उपभोक्ताओं के लिए शुरू की गई थी।
यह अमीर या चालाकी करने वालों के लिए नहीं है।

(2) राजस्व बचत

बिहार में लाखों घरेलू उपभोक्ता हैं।
यदि हर घर में कई मीटर लग जाएँ, तो सरकारी खर्च बेहद बढ़ जाएगा।

(3) बिजली चोरी और बिलिंग गड़बड़ियों पर रोक

सही मीटर, सही नाम और सही दस्तावेज़ — इससे बिजली विभाग को वास्तविक खपत का सही डेटा मिलेगा।

(4) पारदर्शिता बढ़ेगी

अस्पष्ट कनेक्शन, फर्जी दस्तावेज़, और गलत लाभ लेने वालों पर रोक लगेगी।

7. बिजली विभाग की सख्त निगरानी शुरू

राज्य सरकार ने सभी बिजली कंपनियों —
SBPDCL, NBPDCL, SBPDCL और NBPDCL — को सख्ती से निगरानी के आदेश दिए हैं।

विभाग की प्रमुख कार्रवाइयाँ:

  • प्रत्येक मोहल्ले में जाकर घर-घर मीटर जाँच अभियान
  • बिना दस्तावेज़ वाले मीटरों की पहचान और सत्यापन
  • फर्जी कनेक्शन पाए जाने पर मुकदमा या कनेक्शन रद्द
  • मुफ्त बिजली योजना के लिए डेटा आधारित सत्यापन प्रक्रिया

बिजली विभाग एक मोबाइल ऐप और पोर्टल के जरिये भी जानकारी अपलोड करवा रहा है, ताकि रिकॉर्ड सुरक्षित रहे और जांच आसान हो।

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8. क्या लोग अब भी अधिक मीटर ले सकते हैं?

हाँ, पर शर्तों के साथ।
एक ही मकान में:

  • यदि दो भाई अलग-अलग यूनिट में रहते हैं,
  • और बंटवारा (Partition Deed) मौजूद है,
  • या मकान में फ्लैट-जैसी अलग संरचना है,

तो वे अलग-अलग मीटर ले सकते हैं।
पर मुफ्त यूनिट का लाभ सिर्फ एक मीटर को मिलेगा।

इससे फर्जी मीटर लगाने का खेल बंद होगा।

9. उपभोक्ताओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

✔ अपना नाम, पता और पहचान पत्र मिलान करवा लें

कई बार उपभोक्ता के दस्तावेज़ में गलत पता होने से आवेदन अटक जाता है।

✔ मकान मालिक और किराएदार दोनों को वैध एग्रीमेंट बनाना होगा

लिखित एग्रीमेंट ही मान्य होगा।

✔ बिजली बकाया नहीं होना चाहिए

नया मीटर तभी मिलेगा जब पुराने बिल साफ हों।

✔ दो मीटर तभी बनेंगे जब घर में वास्तव में दो यूनिट हों

सिर्फ दो रसोई बनाना पर्याप्त नहीं है।

10. क्या इस नियम से विवाद बढ़ सकते हैं?

संयुक्त परिवारों में यह नियम कुछ विवाद खड़ा कर सकता है।
जैसे:

  • एक हिस्से में रहने वाला परिवार खुद को अलग यूनिट मानता है, पर बंटवारा कागजी नहीं है।
  • किराएदार और मकान मालिक के बीच मीटर के नाम पर मतभेद हो सकते हैं।
  • डेवलपर द्वारा बनाए गए छोटे-छोटे यूनिट वाले अपार्टमेंट में अनियमित दस्तावेज़ समस्या पैदा कर सकते हैं।

लेकिन बिजली विभाग ने कहा है कि वह किसी उपभोक्ता को परेशान नहीं करेगा, बल्कि दस्तावेज़ों की स्पष्टता बढ़ाएगा।

11. निष्कर्ष

‘1 घर-1 मीटर’ नियम बिहार सरकार की मुफ्त बिजली योजना को पारदर्शी, सटीक और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह योजना उन्हीं लोगों को लाभ दे सकेगी जिनके लिए इसे बनाया गया है।
साथ ही राज्य के राजस्व की बचत, बिजली चोरी की रोकथाम और उपभोक्ता डेटा की शुद्धता सुनिश्चित होगी।

सभी उपभोक्ताओं को सलाह है कि वे अपने दस्तावेज़ अपडेट रखें और यदि जरूरत हो तो रेंट एग्रीमेंट या बंटवारा पत्र बनवा लें, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।

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